इस महीने की शुरुआत में केंद्र सरकार ने नया मोटर व्हीकल एक्ट लागु किया. कहा जा रहा है कि सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए इस एक्ट को लागु किया गया है. देश भर में हर साल हज़ारों लोग दुर्घटनाओं का शिकार होकर अपनी जान गँवा देते हैं. सरकार का कहना है कि नियमों का पालन न करने की वजह से सड़क दुर्घटनाओं में कई लोगों की जान चली जाती है. इनमे मुख्यतः बिना हेलमेट के गाडी चलाना, सीट बेल्ट न लगाना, हेलमेट न लगाना और गाड़ी की फिटनेस न होना है. अब सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों में कई बदलाव किये हैं.
इन बदलावों के तहत पूर्व निर्धारित चालान दरों में कई गुना वृद्धि की गयी है. सरकार का दावा है कि नए नियमों के लागु होने के बाद सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी. देश के कई राज्यों ने इस एक्ट को लागु कर दिया है. जिसका असर हाल फ़िलहाल में देखने को मिल रहा है.देश भर में नए एक्ट के तहत चालान किये जा रहे हैं जिसमें कुछ हज़ार से लेकर 2 -3 लाख तक चालान किये गए जा चुके हैं.
हिमाचल सरकार ने अभी इस एक्ट को लागु नहीं किया है. सरकार का कहना है कि इस एक्ट को अध्ययन के बाद ही लागु किया जायेगा. चालान दरें क्या रहेगी ये अभी स्पष्ट नहीं है. सम्भावना है कि इस एक्ट को धर्मशाला और पच्छाद के उपचुनावों के बाद ही लागु किया जायेगा.
लेकिन सड़क दुर्घटनाओं की एक बड़ी वजह है खराब सड़कें जिसे अक्सर सरकार द्वारा नज़रअंदाज कर दिया जाता है. क्योंकि किसी भी घटना की जाँच में दुर्घटना का कारण या तो ड्राइवर की लापरवाही या तकनीकी खराबी को ही वजह मन जाता है. सड़क को कभी भी वजह नहीं गिना जाता. लेकिन बहुत सी घटनाएं सड़कों की खराबी के कारण ही होती हैं. कहीं सड़कों पर गड्ढे, कहीं सड़कें तंग होना, कहीं सड़क किनारे डंगे धंसे हुए होना और कहीं सड़क किनारे क्रैश बैरियर या पैरापिट न होना दुर्घटनाओं की मुख्य वजहें होती हैं.
![](http://himalayanxp.com/wp-content/uploads/2018/08/padhar-nauhli-hrtc.jpg)
कहते हैं इंसान गलतियों का पुतला है तो गाड़ी चलाते समय भी गलतियों की सम्भावना रहती है. लेकिन हमारी सड़कें ऐसी हैं जो इंसानी गलतियों के कारण दुर्घटना होने की सम्भावना को कम करने के बजाय दुर्घटना की संभावनाओं को बढाती हैं.
तो अब सवाल यह है कि अगर सरकार दुर्घटनाएं रोकने के लिए सच में गंभीर है तो चालान की कीमते बढ़ने के अलावा सड़कें ठीक करने की और ध्यान नहीं देना चाहिए? ये बात सही है कि जो लोग यातायात नियमों का पालन नहीं करते, महंगे चालान के दर से उसमें कुछ सुधार होगा जिससे दुर्घटनाओं में कमी आने कि सम्भावना है. लेकिन खराब सड़कों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए भी सरकार को उसी गम्भीरता से कदम उठाने चाहिए. क्योंकि खराब सड़कों के कारण दुर्घटनाएं तो होती हैं साथ ही आम जनता को भी रोज़मर्रा कि आवाजाही में परेशानियों का सामना करना पड़ता है.