कालका-शिमला रेल का रोमांच अब बढ़ने वाला है. रेलवे ने 25 दिसम्बर से इस ट्रैक पर विस्टाडोम कोच वाली हिमदर्शन एक्सप्रेस रेल शुरू की है. इस रेल में सफर करते हुए सफर का मज़ा दोगुना हो जायेगा. हिमदर्शन रेल के 6 विस्टाडोम डिब्बों के छत और खिड़कियों में लगे कांच से आप यहाँ की हसीं वादियों का भरपूर मज़ा ले सकते हैं.
कालका शिमला रेलवे यूँ तो ऐसे ही अपनी खूबसूरत के लिए विश्व प्रसिद्ध है. कालका-शिमला रेलवे को यूनेस्को विश्व धरोहर में सम्मिलित किया गया है. 96 किमी का यह रोमांचकारी सफर 103 सुरंगों और 850 छोटे बड़े पुलों से होकर गुज़रता है. इस सफर में कुल 18 स्टेशन आते हैं जहाँ की ठंडी वादियों में आप सफर के बीच में गरमा गरम चाय की चुस्की का तुत्फ उठा सकते हैं.
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क्या है विस्टाडोम कोच?
7 डिब्बों की इस हिमदर्शन एक्सप्रेस रेल में 6 डिब्बे, विस्टाडोम डिब्बे हैं और 1 फर्स्ट क्लास ऐसी डिब्बा है. विस्टाडोम डिब्बे में कांच की छत और दोनों तरफ कांच की बड़ी बड़ी खिड़कियां हैं जहां से आप कालका शिमला के बीच सफर के दौरान प्राकृतिक नज़रों का भरूर आनंद उठा सकते हैं. एक विस्टाडोम कोच में कुल 15 सीटें हैं जिनमे से दोनों तरफ 5-5 विंडो सीटें हैं. जबकि फर्स्ट क्लास ऐसी में कुल 14 लोग सफर कर सकते हैं.
इसके आलावा हर विस्टाडोम कोच में वातनुकलन सिस्टम और एलईडी बल्ब लगे हुए हैं. यह डिब्बे कालका के कैरिज और वैगन डिपो में बनाये गए हैं.
हिमदर्शन एक्सप्रेस रेल कालका से शिमला का सफर करने में 5 घंटे 55 मिनट तथा शिमला से कालका वापसी में 5 घंटे 25 मिनट का समय लेती है. यह रेल कालका से सुबह 7 बजे चलती है और 12:55 पर शिमला पहुँचती है. वापसी में 3:50 पर शिमला से चलकर रात्रि 9:15 पर कालका पहुंचती है. बीच में यह रेल सिर्फ बड़ोग स्टेशन पर ही रूकती है.
इस यात्रा का कुल किराया 630 रूपये है जिसमे किसी तरह की छूट नहीं दी जाती है. विस्टाडोम कोच के टिकट की बुकिंग काउंटर पर तथा ऑनलाइन पोर्टल्स के द्वारा की जा सकती है जबकि फर्स्ट क्लास ऐसी चेयर कार की बुकिंग केवल शिमला तथा कालका स्टेशन पर ही की जा सकती है. यह रेल हफ्ते के सातों दिन चलती है.
तो अगर आपने शिमला से कालका के बीच रेल सफर नहीं किया तो कभी फुर्सत निकल करहो आइये. और किया है तो एक बार इस रेल से फिर सही.