Himachal लेख

पहाड़ घूमने आइए लेकिन पहाड़ों को साफ रखने में थोड़ा सा योगदान दें


मैदानी इलाकों में गर्मी पड़ती है लोग पहाड़ों की तरफ दौड़ना शुरू कर देते हैं। गर्मियों में मनाली शिमला जैसे पर्यटन स्थलों में बाहर से आने वाले लोगों की तादात हर साल बढ़ती जा रही है। मैदानों में जहां हर साल गर्मी के रिकॉर्ड टूटते हैं वहीं पहाड़ों में पर्यटकों की आवाजाही के।

इन बढ़ते हुए पर्यटकों की सुविधा के लिए होटल, होम स्टे आदि भी बढ़ रहे हैं। नतीजतन पहाड़ों के सीमित संसाधनों पर बोझ बढ़ता जा रहा है। यूं तो पर्यटन प्रदेश की इकोनॉमी के नजरिए से अच्छा है लेकिन इसके कुछ दुष्प्रभाव भी हैं। इनमें सबसे गंभीर जो मुद्दा है वो है प्रदूषण। वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी से एक तो पहाड़ों की साफ सुथरी हवा प्रदूषित हो रही है। मनाली जैसे शहरों की हवा में हानिकारक गैसों की मात्रा में वृद्धि हो रही है।

दूसरी बड़ी समस्या है कचरा। चाहे मनाली शिमला जैसे कस्बे हो या खीरगंगा जैसे ट्रेक, कूड़े के ढेर एक आम समस्या है। मई जून के महीने मनाली में ही लगभग 10 लाख पर्यटक घूमने के लिए पहुंचे और 2000 टन से ज़्यादा कूड़ा इकट्ठा हुआ। कुल्लू में सड़क किनारे कूड़े के ढेर देखे जा सकते हैं। शिमला का हाल भी कुछ ऐसा ही है। खीरगंगा जैसे ट्रेक पर भी हर तरफ प्लास्टिक की बोतल और प्लास्टिक के लिफाफे देखने को मिल जायेंगे ।

जिन जगहों को देखने लाखों पर्यटक आते हैं, क्या हमारी इतनी जिम्मेवारी नहीं है कि इन जगहों को साफ सुथरी रख सके। आखिर ये जिम्मेवारी है किसकी? पर्यटकों की, प्रशासन की, होटल मालिकों की या स्थानीय जनता की?

इस तरह हम अगर किसी एक पर जिम्मेवारी थोप कर किनारा कर लें तो समस्या का समाधान नहीं हो सकता। चाहे पर्यटक हो या स्थानीय लोग अपनी अपनी जिम्मेवारी समझ कर थोड़ा सा सहयोग करें तो इस समस्या से छुटकारा पाना मुश्किल नहीं है। अगर हम ट्रैकिंग के दौरान पानी की बोतल या एनर्जी ड्रिंक की बोतल उठा सकते हैं तो खाली बोतलों को वहां से वापिस लेन में भी कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए. इसी तरह कूड़े को हर कहीं न फेंक कर किसी निश्चित स्थान पर फेंककर हम अपनी स्वच्छता की ज़िम्मेदारी को निभा सकते हैं ।

होटल मालिकों या संचालकों को भी अपने होटल से निकले कूड़े का सही से निपटारा करने की व्यवस्था करनी होगी। इसके आलावा प्रशासन को जगह जगह ठोस कूड़ा प्रबंधन संयंत्र लगाने चाहिए ताकि हर तरह के कूड़े का सही निपटारा हो सके।

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