Himachal

क्या हिमाचली सिनेमा की शुरुआत है सांझ?

विविध भारत का विविधताओं से भरा एक राज्य हिमाचल. पहाड़ों में बसे इस राज्य की एक अलग संस्कृति है. रीति रिवाज, वेशभूषा, बोलियां इत्यादि भी अन्य राज्यों से तो अलग हैं ही राज्य के अंदर भी बहुत विविधता है. प्रदेश का गीत संगीत का भी एक बेहतरीन इतिहास रहा है. हिमाचल के कई गाने बॉलीवुड फिल्मों में भी सुनने को मिले. लेकिन सिनेमा एक ऐसा क्षेत्र है जिसमे हिमाचल कुछ खास नहीं कर पाया.

सिनेमा एक वो जरिया है जिससे प्रदेश की संस्कृति को पूरी दुनिया तक पहुँचाया जा सकता है. एक बहुत बड़ा दर्शक बेस न होना या पुरे राज्य में एक सामान बोली न होना इस असफलता का कारण हो सकता है. लेकिन कहीं न कहीं हमारे प्रयासों में भी कुछ कमियां रहीं. कुछ कोशिशें की गयीं लेकिन वो सी.डी. या यूट्यूब तक ही सीमित रही और किसी हिमाचली फिल्म ने सिनेमाघर का मुंह नहीं देखा.

लेकिन शुरुआत कभी भी हो सकती है. हिमाचल में भी औपचारिक सिनेमा की शुरुआत हुई है. पहल की है अजय सकलानी ने अपनी पहली फिल्म सांझ के साथ. साँझ सिनेमाघर में रिलीज़ होने वाली पहली हिमाचली फिल्म है. पहाड़ी के आलावा इस फिल्म को हिंदी में भी रिलीज़ किया गया है.

मेहनत तो बहुत से लोगों ने की है इस फिल्म को बनाने के लिए लेकिन साँझ के करता धर्ता असल में अजय सकलानी हैं. निर्माण, निर्देशन से लेकर कहानी, पटकथा, छायांकन इन्होने ही किया है.

फिल्म की कहानी संजू नामक एक लड़की के इर्द गिर्द घूमती है. जो शहर से गाँव आती है अपनी दादी के पास रहने के लिए. साँझ में फिल्म इंडस्ट्री के कुछ बड़े लोगों ने भी काम किया है जिनमे प्रमुख नाम एक्टर आसिफ बसरा और प्रसिद्ध गायक मोहित चौहान. मोहित चौहान ने इस फिल्म के दो गाने गाये हैं, जिनमे से पूछे अम्मा मेरी बहुत ही हिट हुआ.

फिल्म को दर्शकों से तो सराहना मिली ही, इस फिल्म ने कुछ अवार्ड भी जीते वो भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर. बोर्रेगो स्प्रिंग फिल्म फेस्टिवल में साँझ को सर्वश्रेष्ठ फिल्म का अवार्ड मिला. फिल्म को फिल्म रेटिंग साइट IMDB पर भी 8.2 रेटिंग मिली है.

हालाँकि सांझ एक शुरुआत है लेकिन यह शुरुआत हिमाचली सिनेमा के लिए एक मील का पत्थर साबित हो सकती है. जिससे प्रेरणा लेकर और लोग भी हिमाचली सिनेमा को आगे बढ़ने के लिए प्रयास करेंगे.

अगर आपने यह फिल्म नहीं देखि है तो आप इसे यूट्यूब पर भी देख सकते है.

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