एक समय पर लगभग कोरोना मुक्त होने की कगार पर खड़ा हिमाचल एक बार फिर कोरोना की चपेट में आ गया है. इसे कोरोना का दूसरा प्रहार कहा जा सकता है. लगभग कोरोना मुक्त होने वाले हिमाचल को इस स्थिति का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
देश के दूसरे राज्यों की तरह हिमाचल के भी हज़ारों लोग लॉक डाउन की वजह से दूसरे राज्यों में फंसे हुए थे. ये वो लोग हैं जो पढ़ाई या रोज़गार के लिए दूसरे राज्यों में रह रहे थे. लेकिन लॉक डाउन से पहले वापिस नहीं लौट सके थे. देश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं जोकि एक लाख के आंकड़े को पार कर गए हैं. ऐसे में केंद्र सरकार ने लॉक डाउन 4 की तरफ संकेत पहले ही दे दिए थे. साथ ही लोगों का धैर्य भी टूटता जा रहा था और वो लगातार सरकार से उन्हें प्रदेश में वापिस लेन के लिए गुहार लगा रहे थे.
तो शुरुआत हुई कोटा से जहाँ कुछ हिमाचली बच्चे कोचिंग के लिए गए हुए थे. उत्तेर प्रदेश के बाद हिमाचल ने भी उन्हें वापिस लेन के लिए बसें भेज दी जिसके बाद चंडीगढ़, दिल्ली और दूसरी जगहों से भी लोहों लो वापिस लाने की मांग उठने लगी और सरकार को अंततः इसे मानना भी पड़ा. बसें भेजी गयी, पास जारी किये गए और बैंगलोर, गोवा और मुंबई से लोगों को लाने के लिए रेलगाड़ियों का इंतेज़ाम किया गया. हज़ारों की संख्या में लोग वापिस प्रदेश पहुंचे.
इनमें से बहुत से लोग दिल्ली और मुंबई रेड ज़ोन क्षेत्रों से भी वापिस आये. इसके बाद प्रदेश में कोरोना के नए मामले बढ़ना शुरू हुए और जो आंकड़ा पचास से मीचे था वह सौ से ऊपर जा पहुंचा.
127 पहुंचा पॉजिटिव मामलों का आंकड़ा
20 मई को हिमाचल में 18 मामले दर्ज किये गए जोकि एक दिन के सर्वाधिक हैं. इनमें से अकेले काँगड़ा के ही 13 मामले थे. 21 मई को भी दोपहर तक 16 नए मामले सामने आ चुके हैं. इनमें सोलन और हमीरपुर के 5 -5 और कांगड़ा के 10 मामले हैं. अभी तक हिमाचल में कुल पॉजिटिव मामले 127 पहुंच गए हैं जिनमे से 50 से अधिक लोग स्वस्थ भी हो गए हैं.
इन बढ़ते मामलों के बाद प्रदेश सरकार ने 31 मई के बाद प्रदेश की सीमाओं को सील करने का निर्णय लिया है. वहीँ प्रदेश के भीतर परिवहन सेवाओं को शुरू करने का निर्णय भी टाल दिया गया है. वहीँ स्कूलों में 31 मई तथा कॉलेज में 10 जून तक अवकाश घोषित किया जा चूका है. इसके बाद भी स्कूल कॉलेज खोलने का फैसला आने वाले समय की परिस्थिति और केंद्र सरकार के दिशा निर्देशों के बाद ही लिया जायेगा.
बढ़ानी होगी कोरोना सैंपलिंग
लेकिन जिस तरह देश प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं उस हिसाब से तो नहीं लगता की यह जल्द ख़त्म होने वाली बीमारी है. 20 मई को मंडी में आये 4 में से 3 लोगों की ट्रेवल हिस्ट्री न मिलना भी चिंता का विषय है. प्रशासन पता लगाने का प्रयास कर रहा है कि उन्हें संक्रमण कैसे लगा. अगर उनके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलता है तो चिंता और बढ़ जाती है.
इसके साथ ही यह सवाल यह भी बनता है कि क्या हम पर्याप्त सैंपलिंग कर रहे हैं? पुरे प्रदेश में रैंडम सैंपलिंग से भी मामले आ रहे हैं तो ऐसे में सैंपलिंग बढ़ने कि बहुत आवश्यकता है.
किसी तरह कि अफवाह न फैलाएं
देखा जा रहा है कि लोग सोशल मीडिया पर कोरोना से सम्बंधित अफवाहें फैला रहे हैं. जब तक किसी बात की पुष्टि नहीं होती है तब तक कोई भी पोस्ट सोशल मीडिया पर न डालें. आपकी एक पोस्ट से समाज में असमंजस अथवा तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है. पुलिस का कहना है की वह ऐसे लोगों पर नज़र भी रखे हुए है और ऐसी अफवाहें फ़ैलाने वालों पर कार्यवाही भी की जाएगी.