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मंडी जिला के द्रंग में फिर से मिलेगा चट्टानी नमक

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिला में राष्ट्रीय उचमार्ग 154 पर गुम्मा और द्रंग ऐसे दो स्थान है जहाँ चट्टानी नमक पाया जाता है. काले भूरे रंग का यह चट्टानी नमक प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला वाला नमक है जो पत्थर की तरह होता है. प्राचीन समय में हालाँकि इस नमक का प्रयोग खाने के लिए भी किया जाता था लेकिन आयोडीन नमक के आने के बाद इसे केवल पशुओं को खिलाने के लिए ही प्रयोग में लाया जाता है.

द्रंग तथा गुम्मा एक ही पहाड़ी श्रृंखला का हिस्सा हैं. वर्षों से इन दोनों स्थानों पर चट्टानी नमक का दोहन सालों पहले से होता आ रहा था. लेकिन काफी समय से दोनों जगहों पर खदाने बंद हो गयी थी. गुम्मा में कुछ वर्ष पूर्व नमक खदान के पास भारी भूस्खलन होने के कारण नमक की खदान मलबे में दब गयी थी. इसके बाद यहाँ से नमक निकालना बंद करना पड़ा था.

वहीँ द्रंग में एक खदान से तो नमक निकाला जाता रहा था लेकिन उचित व्यवस्था न होना तथा अन्य वजहों से बाकि के हिस्से से नमक निकलने का काम काफी वर्षों से बंद पड़ा हुआ था.  2016 में लोगों की मांग और सांसद रामस्वरूप शर्मा के प्रयासों के कारण द्रंग में एक बार फिर से नमक निकालने को प्रदेश सरकार की तरफ से मंजूरी मिली थी तथा हिंदुस्तान साल्ट्स द्वारा नमक निकालने की प्रक्रिया को शुरू किया गया था.

नमक निकालने की पूरी व्यवस्था होने के बाद एक बार फिर से नमक निकालने का काम शुरू हुआ जिसकी बिक्री का शुभारम्भ मंडी से लोकसभा सांसद द्वारा स्थानीय विधायक जवाहर ठाकुर और जोगिन्दर नगर के विधायक प्रकाश राणा की उपस्थिति में किया गया. इसके साथ ही एक बार फिर से द्रंग का नमक आम लोगों को मिलना शुरू हो जायेगा. यह नमक 5 से 9 रुपये प्रति किलो के हिसाब से ख़रीदा जा सकता है.

इसके साथ ही इस स्थान पर 300 करोड़ की लागत से एक लिक्विड नमक का कारखाना भी बनाया जा रहा है जिसे पीपीपी के माध्यम से पतंजलि के द्वारा बनाये जाने पर विचार चल रहा है.

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